भारत में पाये जाने वाले प्रमुख गाय की नस्ल ? Gyr, Sahiwal, Murrah | Cow Breeds In India

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Cow Breeds In India, Gyr Sahiwal Murrah gai ki pahchan रेवड़ी गाय गिर सहीवाल थार Thar Gay, मुर्रह भारत में पाये जाने वाले प्रमुख गाय की नस्ल

हम सभी ने गाय का नाम सुना है, जो एक सदियों से मानव सभ्यता के जीवन का अभिन्न अंग रही है। भारत देश विश्व में गायों की प्रजातियों का एक समृद्ध खजाना है। यहाँ पर हम भारत में पाये जाने वाले प्रमुख गाय जातियों के बारे में चर्चा करेंगे। तो चलिए आगे बढ़ते हैं cow breeds in india के इस आर्टिकल में और भारतीय गायों के क़िस्म की जानकारी जानने का प्यास करेंगे

गाय की नस्ल

गाय का महत्व

गाय (Gay) भारतीय संस्कृति में पवित्र मानी जाती है। इसे हिन्दुओं के धर्म के साथ-साथ गौ-माता के रूप में भी पूजा जाता है। गाय की दूध और गोबर का उपयोग भारतीय रसोई से लेकर आध्यात्मिक आयाम तक होता है। इसके साथ ही, गाय के बछड़े को व्यापारिक मामूले पर भी इस्तेमाल किया जाता है, जो किसानों के लिए आर्थिक रूप से भी महत्वपूर्ण साबित होता है।

भारतीय गायों की प्रमुख जातियाँ

1. गिर गाय (Gir Gay)

गिर गाय भारत की सबसे प्रसिद्ध गायों में से एक है। इन्हें गिर वन इलाके में पाया जाता है, जो गुजरात राज्य में स्थित है। इनके शरीर का आकार बड़ा और शांत भवनी होता है। इनकी खाल का रंग सांवला होता है और सींग की लंबाई भी अधिक होती हैGir Gay का दूध अत्यधिक पौष्टिक होता है और इसे देशी गायों में सबसे अधिक माना जाता है।

गिर गाय की पहचान (Gyr gai ki pahchan)

गिर गाय, भारतीय गायों की अद्भुतता की एक प्रमुख नस्ल है। इनकी पहचान विशेष रूप से उनके विशाल शरीर और विश्वसनीयता से होती है। ये गाय हमारे देश के धरोहर में से एक हैं, जिन्हें अपने खास गुणों के लिए याद किया जाता है।

भव्य शारीरिक विशेषताएँ

गिर गाय के शरीर का आकार बहुत बड़ा और सामर्थ्यपूर्ण होता है। इनकी ऊंचाई और मोटाई उन्हें भव्य बनाती हैं और इनके शारीरिक संरचना की वजह से वे अद्भुत दिखती हैं। इनकी खाल विशाल और गहरे बदामी रंग की होती है, जिससे वे भारतीय गायों की राजा-महारानियों की तरह प्रतीत होती हैं।

2. सहीवाल गाय (Sahiwal Gay)

सहीवाल गाय भारत के उत्तरी भाग में पायी जाती है। यह गाय भारतीय गायों की सबसे बड़ी जाति में से एक मानी जाती है। इन्हें उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में खुले मैदानों पर घूमते हुए देखा जा सकता है। सहीवाल गायों का शरीर विशालकाय होता है और इनकी खाल छाई रंग की होती है।

सहीवाल गाय की पहचान

सहीवाल गाय, भारत की विशेषता भरी गायों में से एक है। इनकी पहचान विशेष रूप से उनके सजीव शरीर और रंगीनता से होती है। ये गाय हमारे देश के प्राकृतिक खजाने की रक्षक हैं और उनकी प्रियता भारतीय संस्कृति में अद्भुतता के साथ भरी है।

रंगीन शरीर

Sahiwal Gay की खूबसूरत रंगीनता उन्हें अनूठा बनाती है। इनकी खाल आम गायों की तुलना में अधिक रंगीन होती है और इसमें गुलाबी, लाल, पीले और सफेद रंग के बोर्डर होते हैं। इनके खूबसूरत रंग उन्हें सबसे खास बनाते हैं और देखने वालों के मन को मोह लेते हैं।

वजनदार शारीरिक संरचना (Sahiwal Gay Body)

सहीवाल गाय का शरीर भारी और सजीव होता है। इनके बड़े और मजेस्टिक शरीर की वजह से वे अपने वजन के लिए प्रसिद्ध हैं। इनकी वजनदार संरचना उन्हें भारतीय गायों की राजा-महारानियों के रूप में उभारती है।

3. थार गाय (Thar Gay)

थार गाय भारत के थार मरुस्थली में पाई जाती है। यह गाय सूखे के तड़के में रहने के लिए विशेष रूप से अनुकूलित होती है। थार गाय के शरीर का आकार सांवला रंग का होता है और इनकी बांहें और पीठ पर काले-काले धारें होती हैं। यह गाय भारतीय गायों की विविधता में एक अनोखी जाति है।

थार गाय की पहचान (Thar Gay Ki Pahchan)

थार गाय, भारत की विशेषता भरी गायों में से एक है। इनकी पहचान उनके विशेष शारीरिक गुणों और धार्मिक महत्व से होती है। थार गाय हमारे देश की रूपरेखा में अद्भुतता के साथ सदैव महान होती है।

धार्मिक चिह्नों से सजा शरीर

थार गाय के शरीर का सजा होना इनकी पहचान है। इनके शरीर पर धार्मिक चिह्नों की चमक दिखती है, जो उन्हें विशेष बनाती है। इनकी लंबी पीठ पर धर्मिक चित्रणी एक अनूठा प्रतीक है, जो हमें हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को याद करने के लिए प्रेरित करती है।

थार गाय (Thar Gay) मरुस्थली के रेगिस्तानी इलाके में पाई जाती है और उनके वीरता के कारण भी उन्हें अलग बनाया जाता है। इनकी सबलता, साहस और सहनशीलता उन्हें वीर गायों की श्रेणी में रखती है। थार गाय के वीरता और साहस का संदेश हमें भारतीय सैन्य और वीर गाथाओं की याद दिलाता है, जो हमारी धरोहर का गर्व है।

4. रेवड़ी गाय (Revdi Gay)

रेवड़ी गाय राजस्थान राज्य के रेवड़ी जिले में पायी जाती है। यह गाय अपने खूबसूरत रंगीन शरीर के लिए प्रसिद्ध है। इनकी खाल का रंग लाल या गुलाबी होता है और इन पर धार्मिक चिह्नों की खूबसूरत चित्रणी होती है। रेवड़ी गाय के बछड़े को व्यापार में भी इस्तेमाल किया जाता है।

रेवड़ी गाय की पहचान (Revdi Gai ki pahchan)

रेवड़ी गाय, भारतीय गायों की विशेषता भरी एक प्रमुख नस्ल है। इनकी पहचान विशेष रूप से उनके अद्भुत शरीर और समृद्ध धार्मिक महत्व से होती है। ये गाय भारतीय संस्कृति में अद्भुतता के साथ संपूर्णता का प्रतीक हैं, जो हमारे देश के लिए अभूतपूर्व मूल्यवान धरोहर हैं।

भव्यता और समृद्धि के प्रतीक

रेवड़ी गाय की भव्यता और समृद्धि के प्रतीक होने की वजह से उन्हें विशेष बनाया जाता है। इनकी ऊंचाई और मोटाई उन्हें भव्य बनाती हैं और इनके शारीरिक संरचना की वजह से वे समृद्धि का प्रतीक होती हैं। इनकी पहचान हमें यह बताती है कि समृद्धि और सम्पन्नता हमारे देश की अमूल्य धरोहर हैं और हमें उन्हें संरक्षित रखने की जिम्मेदारी है।

रेवड़ी गाय की पहचान में उनके शांतिपूर्ण स्वभाव का भी विशेष योगदान है। इनकी प्राकृतिक शांति और सदयता हमें यह सिखाती हैं कि शांति और सौहार्द हमारे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं। इनके संग समय बिताने से हम अपने मन को प्रशांत बना सकते हैं और सामाजिक समरसता को बढ़ा सकते हैं।

5. मुर्रह गाय (Murrah Gay)

मुर्रह गाय मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में पाई जाती है। इन्हें अपने भारी शरीर और खूबसूरत सफेद रंगीनता के लिए जाना जाता है। मुर्रह गायों के सींग की लंबाई भी अधिक होती है। यह गाय खुले मैदानों में घूमने वाली जाति में से एक है।

गायों की जाति का बचाव?

भारत में गायों की संख्या कम होने के कारण उनका बचाव बहुत महत्वपूर्ण है। गायों का खतरा विभिन्न कारणों से जुड़ा हुआ है, जैसे वन्यजीवन की कमी और वनों का कटाव, जो उनके प्राकृतिक घरों से दूर करता है। गायों की संख्या कम हो सकती है क्योंकि वे कई रोगों से भी पीड़ित हैं।

इन गायों को बचाने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों ने कई कार्रवाई की है। गायों को सुरक्षित रखने और उनका पालन-पोषण करने के लिए गोशालाओं की स्थापना की जाती है। गायों को बचाने के लिए संबंधित अधिकारियों को भी जागरूकता बढ़ाने और सही कार्रवाई करने की जरूरत है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल? FAQ

Q. भारत में गायें a1 या a2 हैं?

A1 दूध, जो सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है और आसानी से मिलता है, पश्चिमी मूल की गायों से मिलता है, जैसे होल्स्टीन और जर्सी, जो बड़ी मात्रा में दूध देती हैं। A2 दूध गिर, साहीवाल और अन्य भारतीय गायों का दूध है।

Q. भारत में कितनी देसी गायें हैं?

1992 में 101.60 लाख नर मवेशियों की संख्या घटकर 2012 में 67.92 लाख और 2019 की जनगणना के अनुसार 46.61 लाख हो गई है, जबकि मादा मवेशियों की संख्या 102.99 लाख से 122.98 लाख और 144.68 लाख हो गई है।

Q. कपिला गाय क्या है?

कपिला गाय भारत के कर्नाटक राज्य से आती है और बहुत दुर्लभ है। कपिला एक छोटी नस्ल है, लेकिन बहुत औषधीय और उपचार योग्य है, और कम दूध देती है। माना जाता है कि इस गाय की नस्ल को एक वैदिक ऋषि कपिला ऋषि ने पाला था, जिसका अर्थ है ऋषि।

Q. कौन सी गाय सबसे ज्यादा दूध देती है?

होल्स्टीन नस्ल यूरोप में पैदा हुई थी और डच लोगों ने इसे अमेरिका लाया था। इस डेयरी नस्ल में सबसे अधिक दूध उत्पादन होता है।

Q. भारत में गाय कितने प्रकार की होती है?

भारत को अपनी विविधतापूर्ण जैव-विविधता के साथ स्वदेशी गोजातीय जनसंख्या का बड़ा भंडार मिला है। मवेशियों की 50 स्पष्ट नस्लें और भैंसों की 17 नस्लें हैं।

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