Potash Fertilizer Uses Hindi Price कीमत प्रकार फायदे पोटाश खाद कैसे बनता है, muriate गेहूं में मात्रा mop 1 किलो दानेदार fayde fertilizer benefits kitne prakar ka hota hai, म्यूरेट ऑफ 50 kg powder पहचान उपयोग कब करना चाहिए नुकसान कब डालना ki matra लिक्विड
वैसे तो पोटाश हमारी पृथ्वी पर खनिज तत्व के रूप में काफी मात्रा में उपलब्ध है लेकिन यह जमीन में स्ट्रक्चरल कंपोनेंट (Structural Component) में पाया जाता है।
जो पौधों के लिए उपलब्ध नहीं हो पाता इसी करण पोटाश खाद को बनाकर मार्केट में उपलब्ध कराया जाता है।
जिससे पौधों को जरूरी पोषक तत्व मिल जाता है और पौधों में रोग प्रतिरोधक क्षमता की वृद्दि भी होती है।
Potash Fertilizer तरल, दानेदार और पाउडर फॉर्म में उपलब्ध होता है जिसको पौधों में उसकी कटाई होने तक दो बार उपयोग से काफी अच्छा रिजल्ट देखने को मिलता है।
और यह बाजार में MOP और SOP फॉर्म में भी उपलब्ध होता है तो चलिए अब potash khad के बारे में डिटेल में जानने का प्रयास करते हैं कि यह कैसे बनता है इसकी पहचान क्या है और इसके फायदे क्या क्या है।
पोटाश खाद | NPK अनुपात | पोटैशियम की मात्रा |
पोटेशियम नाइट्रेट | 13:0:45 | 45-46% |
पोटेशियम क्लोराइड | 0:0:60 | 60-65% |
पोटेशियम सल्फेट | 0:0:50 | 50% |
पोटेशियम शोनाईट | 0:0:20 | 20% |
पोटाश खाद क्या है (potash khad kya hai)
पोटाश जमीन में पाए जाने वाले Structural Component है लेकिन बाजार में यह म्यूरेट ऑफ पोटाश (MOP) और सल्फेट ऑफ पोटाश (SOP) के रूप में उपलब्ध है।
यह पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्व में से एक है जिसके उपयोग से पौधों में बहुत से फायदे देखने को मिलते हैं पोटाश खाद मिट्टी की क्षमता को भी बढ़ाता है।
पौधों को potash khad की आवश्यकता फूल लगने से लेकर फल लगने तक सबसे ज्यादा होती है ।
इसी समय पौधों को पोटैशियम की आवश्यकता होती है और यही वह समय है जब पोटाश का उपयोग किया जाता है जिससे पौधों में बहुत से फायदे देखने को मिलते हैं जो हम आगे चर्चा करने वाले हैं।
पोटाश कितने प्रकार के होते हैं (kitne prakar)
Potash Fertilizer बाजार में दो फॉर्म में उपलब्ध होता है MOP और SOP-
म्यूरेट ऑफ पोटाश MOP (Muriate of potash fertilizer)
एम ओ पी मे केवल पोटेशियम की मात्रा पाई जाती है और इसका कलर लाल सफेद रंग में मिलता है।
और इसको पानी में मिलाने से लाल रंग ऊपर आ जाता है और सफेद रंग नीचे की ओर चला जाता है या यूं कहे तो पानी में डालने पर लाल और सफेद रंग अच्छे से नहीं मिल पाता।
सल्फेट ऑफ पोटॅश SOP (sulphate of potash price)
एस ओ पी में पोटेशियम और सल्फर की मात्रा पाई जाती है जो सफेद रंग के मिश्रण में मिलता है और यह पानी में पूर्ण रुप से घुलनशील भी है।
पोटाश खाद की पहचान (potassium khad)
असली पोटाश में केवल पोटेशियम की मात्रा पाई जाती है जो म्यूरेट ऑफ पोटाश (MOP) के रूप में बाजार में उपलब्ध होता है जिसकी पहचान है कि इस पोटाश को पानी में घोलने पर लाल रंग पानी के ऊपर तैरने लगता है।
पोटैशियम उर्वरक कैसे बनता है (potassium fertilizer)
potash जमीन में खनिज तत्व के रूप में काफी मात्रा में पाई जाती है लेकिन यह सीधे पौधों को प्राप्त नहीं हो पाता ।
जिसके कारण हमको पोटाश उर्वरक पौधों में अलग से डालना पड़ता है क्योंकि यह जमीन में स्ट्रक्चरल कंपोनेंट में पाया जाता है जो आमतौर पर पोटैशियम हाइड्रोक्साइड या पोटैशियम क्लोराइड KCI के साथ निर्मित किया जाता है और बाजार में उपलब्ध कराया जाता है जो Muriate of potash और sulphate of potash के रूप में उपलब्ध होता है।
पोटाश खाद के फायदे (fayde, benefits composition)
Potash Fertilizer के पौधों में बहुत सारे फायदे देखने को मिलते हैं क्योंकि इसके उपयोग से पौधों को जरूरी पोषक तत्व उपलब्ध हो जाता है।
Potash का uses पौधों में फलों के उत्पादन को प्रोत्साहित करता है।
फसलों में यह उर्वरक के उपयोग से फल के दाने भरने और फल का आकार बढ़ने में भी काफी ज्यादा मदद करते हैं।
इस खाद का और सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि अगर हम फल या सब्जी की खेती कर रहे हैं तो यह फलों और सब्जियों को चमकदार और आकर्षक बनाने का भी काम करता है।
पोटैशियम खाद पौधों को समय के हिसाब से जरूरी पोषक तत्व प्रदान करता है जिससे पौधों की रोग से लड़ने की क्षमता विकसित होती है जिससे पौधे स्वस्थ्य और बीमारी से दूर रहता है।
इसके upyog से मिट्टी का पीएच मान बढ़ता है मतलब पोटॅश मिट्टी की क्षारीय प्रकृति को बढ़ाता है उसी के साथ मिट्टी में नमी बनाए रखती है।
potash khad ke upyog फलों की खेती में करने से यह फलों का स्वाद भी बढ़ाता है।
इस उर्वरक केuse से पौधों में जड़े मजबूत बनता है और पौधों की कोशिका दीवारें भी मोटा बनता है जिससे पौधा गिरता सोता नहीं है खासकर यह गिरने सोने की परेशानी धान और गेहूं की फसलों में देखने को मिलता है।
पोटॅश खाद का उपयोग कब करना चाहिए (potash khad ka upyog)
मार्केट में पोटाश लिक्विड रूप, दानेदार इसके साथ-साथ पाउडर फॉर्म में भी बाजार में उपलब्ध होता है तो किसान अपने हिसाब से पोटाश खरीदते हैं और उपयोग करते हैं।
तो अगर Liquid potash होता है उसको हम स्प्रे के द्वारा पौधों में छिड़काव करते हैं उसी के साथ पाउडर फार्म वाला को या तो हम अकेला डाल सकते हैं या फिर दूसरे खाद के साथ मिक्स करके भी पौधों में छिड़काव कर सकते हैं।
उसी के साथ दानेदार पोटाश खाद को ब्रॉडकास्टिंग के माध्यम से फसलों में सिंचाई किया जाता है जिससे 1 हफ्ते में पूरे पौधों की जड़ों तक फैल जाता है।
पौधों में फूल आने या बड़वार के समय से लेकर फल लगने तक पौधों में पोटाश खाद का उपयोग सबसे अच्छा माना जाता है ।
यही वह समय होता है जिसमें पौधों को पोटेशियम की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है जिससे पौधों में रोग से लड़ने की क्षमता विकसित होती है।
अगर हम फसलों या पौधों में potash khad Ka upyog कर रहे हैं तो 2 बार उपयोग करना चाहिए पहला बुवाई के समय और दूसरा फल लगने के समय ।
अगर आप जड़ वाले पौधों की खेती करते हैं तो एक बात ध्यान रखें कि इस तरह के पौधों में पोटॅश की अतिरिक्त मात्रा की आवश्यकता होती है इसलिए ऐसे पौधों में Potash Fertilizer अतिरिक्त रूप से अवश्य डालें जड़ वाले पौधे जैसे- गाजर, मूली, चुकंदर, आलू।
इस तरह से उपयोग करने से पौधों में पोटाश उर्वरक का पूरा फायदा देखने को मिलेगा।
पौधों में पोटाश की कमी के लक्षण (potash ki kami ke lakshan)
अगर हम लंबे समय से खेती में कर रहे हैं तो हम आसानी से पौधों में पोटेशियम की कमी को जान सकते हैं पोटाश की कमी से पौधों में निम्न लक्षण दिखाई देते हैं-
इसकी कमी से पौधे की पत्तियों के किनारे सूखने लगते हैं।
पोटेशियम की कमी से पौधों में फल अच्छे से नहीं लग पाता या फल आकर्षक नहीं लगता।
पौधों में पोटॅश की कमी से पौधा कमजोर हो जाता है जिससे पौधों में बहुत सारी बीमारी कीट का प्रकोप आने लगता है।
FAQ
Ans. फसलों में पोटाश खाद दो बार डालनी चाहिए पहला जब पौधा बढ़ने लगता है और दूसरा जब पौधों में फल लगने लगता है।
Ans. पोटाश खाद में पोटेशियम की मात्रा और एस ओ पी (SOP) फॉर्म वाले पोटाश में पोटेशियम और सल्फर की मात्रा पाई जाती है।
Ans. बाजार में दो तरह के पोटाश उपलब्ध हैं जिसमें से सबसे अच्छा सल्फेट ऑफ पोटॅश (SOP) है।
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